Adi Vaani App क्या है? जानिए इसकी खास बातें

जोहार दोस्तों, “आदि वाणी” ऐप: आदिवासी भाषाओं के लिए सरकार का बड़ा कदम

आज नई दिल्ली, 1 सितंबर 2025 को भारत सरकार ने आदिवासी समुदायों के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए ‘आदि वाणी’ नामक एआई आधारित ट्रांसलेशन ऐप लॉन्च कर दिया है। 

यह ऐप हिंदी और अंग्रेजी से 6 प्रमुख आदिवासी भाषाओं में और इन भाषाओं से हिंदी व अंग्रेजी में अनुवाद करने की सुविधा देगा।

कौन-कौन सी भाषाओं का होगा अनुवाद?

अदि वाणी यह ऐप फिलहाल इन 6 भाषाओं को सपोर्ट करता है:

  • भीली (Bhil)
  • मुंडारी (Munda)
  • गोंडी (Gond)
  • संथाली (Santali)
  • कुई (Kui)
  • गारो (Garo)

ऐप की खासियत क्या है?

  • स्पीच और टेक्स्ट दोनों का अनुवाद करने की क्षमता रखता है ।
  • हिंदी और अंग्रेजी से आदिवासी भाषाओं में और इसके उलट अनुवाद कर सकता है ।
  • इस aap में है एआई आधारित मॉडल, जो ज्यादा इस्तेमाल होने पर और सटीक होगा।

Adi Vaani App में कौन-कौन सी सुविधाएं हैं?

1. Text-to-Text Translation
हिंदी, अंग्रेजी और 6 आदिवासी भाषाओं के बीच तुरंत टेक्स्ट ट्रांसलेशन।

2. Optical Character Recognition (OCR)
छवियों, दस्तावेज़ों और वास्तविक वस्तुओं से टेक्स्ट को पहचानना और अनुवाद करना।

3. Speech-to-Text Translation
वॉइस को पहचानकर टेक्स्ट में बदलना और अनुवाद करना।

4. Voice-to-Voice Translation (जल्द आने वाला)
रियल-टाइम वॉइस टू वॉइस ट्रांसलेशन, जिसमें प्राकृतिक आवाज़ को बनाए रखा जाएगा।

किसने तैयार किया adivaani app?

भारत के जनजातीय कार्य मंत्रालय ने इस ऐप को तैयार किया है, जिसमें IIT दिल्ली, BITS पिलानी, IIIT हैदराबाद और नया रायपुर जैसे संस्थानों का सहयोग रहा है। 

इस ऐप के लिए 1 लाख से ज्यादा वाक्यों का डेटाबेस तैयार किया गया था, जिसमें आदिवासी भाषा के विशेषज्ञ, शिक्षक, प्रोफेसर और समुदाय के नेता शामिल रहे।

सबसे ज्यादा बोली जाने वाली आदिवासी भाषा कौन सी?

2011 की जनगणना के मुताबिक:

  • भीली भाषा सबसे ज्यादा बोली जाती है (1.04 करोड़ लोग)।
  • इसके बाद संथाली (73.68 लाख),
  • गोंडी (29.84 लाख),
  • गारो (11.45 लाख),
  • मुंडारी (11.28 लाख),
  • कुई (9.41 लाख)।

कहाँ होगा adivaani app का इस्तेमाल?

यह ऐप आदि कर्मयोगी पहल के तहत देशभर के आदिवासी जिलों में इस्तेमाल किया जाएगा। इस पहल के तहत 1 लाख आदिवासी गांवों में 20 लाख स्वयंसेवक, अधिकारी और समुदाय नेता ट्रेनिंग लेंगे।

कहाँ मिलेगा ऐप?

‘आदि वाणी’ ऐप का बीटा वर्जन आज से गूगल प्ले स्टोर और एप्पल ऐप स्टोर पर उपलब्ध है। जितना ज्यादा लोग इसका इस्तेमाल करेंगे, उतना ही यह ऐप ज्यादा स्मार्ट और सटीक होता जाएगा।

सरकार का उद्देश्य

इस ऐप का उद्देश्य आदिवासी भाषाओं को संरक्षित करना, डिजिटल दुनिया से जोड़ना और मुख्यधारा के साथ बेहतर संवाद स्थापित करना है।

निष्कर्ष

दोस्तों ‘आदि वाणी’ ऐप सिर्फ तकनीकी विकास नहीं, बल्कि आदिवासी समुदाय के भाषाई और सांस्कृतिक सशक्तिकरण का प्रतीक है। 

यह पहल भारत की भाषाई विविधता को संरक्षित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

Also Read: Aadivasi Samaj Par Shayari |आदिवासी समाज पर शायरी

References:

जनजातीय कार्य मंत्रालय

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