दोस्त आज हम जानेगे जनजातीय सम्मान (janjatiya samman kaun se hai) याने की मध्यप्रदेश में, आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा दिए जाने वाले रानी दुर्गावती राष्ट्रीय सम्मान, वीर शंकर शाह-रघुनाथ शाह राष्ट्रीय सम्मान, ठक्कर बापा राष्ट्रीय सम्मान एवं जननायक टंट्या भील राज्य स्तरीय सम्मान के बारेमे । इस सम्मान की स्थापना का उद्देश्य जनजातीय समाज की विशिष्ट विभूतियों के रचनात्मक अवदान से समाज को परिचित कराना है एवं जनजातीय समाज के स्वाभिमान , उनके नेतृत्व गुणों , त्याग , बलिदान की स्मृति को समान्नित करने केलिए दिए जाने वाले पुरस्कारों के बारेमें |
यह मध्यप्रदेश के अनुसूचित जाति समुदाय के लोगों की नि:स्वार्थ सेवा के लिए व्यक्ति या स्वयंसेवी संस्था को अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा यह राज्य स्तरीय सम्मान दिया जाता है ।
मध्यप्रदेश शासन : अनुसूचित जाति एवं जनजाति सम्मान एवं पुरस्कार
सम्मान एवं पुरस्कार | वर्ष | सम्मान राशि | क्षेत्र |
रानी दुर्गावती राष्ट्रीय सम्मान | 2008 | 3 लाख रु. | सृजनात्मक कला, शिल्प, समाज सेवा, प्रशासन |
ठक्कर बापा राष्ट्रीय सम्मान | 2008 | 2 लाख रु. | गरीब,पीड़ित, पिछड़े आदिवासी समुदाय की ममतापूर्ण सेवा एवं सुदीर्घ साधाना के लिए व्यक्ति/संस्था को दिया जाता है |
विष्णु कुमार समाज सेवा म्मान | – | – | समाज सेवा के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान, संवेदनशीलता, अनुकरणीय पहल के लिए विख्यात समाजसेवी एवं सेवा |
विष्णु कुमार अनुसूचित जाति समाज सेवा सम्मान | – | 1 लाख रु. | अनुसूचित जाति समुदाय के लोगों की निःस्वार्थ सेवा के लिए |
विष्णु कुमार जनजातीय समाज सेता सम्मान | – | 1 लाख रु. | जनजातीय समुदाय के लोगों की निस्वार्थ सेवा के लिए |
वीर शंकर शाह-रघुनाथ शाह राष्ट्रीय सम्मान | 2008 | 3 लाख रु. | साहित्य में जनजातीय जीवन की सांस्कृतिक परंपरा और विशिष्टताओं पर लेखन के लिए |
जननायक टंट्या भील राज्य स्तरीय सम्मान | 2008 | 3 लाख रु. | शिक्षा और खेल गतिविधियों में उल्लेखनीय साधना तथा उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए आदिवासी युवा को दिया जाता है |
बादल भोई सम्मान | – | 3 लाख रु. | समाजिक क्षेत्र में व्यक्ति के अदम्य साहस एवं वीरता के लिए |
जनगण श्याम सम्मान | – | 3 लाख रु. | परंपरागत एवं सृजनात्मक जनजातीय कला एवं शिल्प के क्षेत्र में अद्वित्य उपलब्धि और योगदान के लिए |
रानी दुर्गावती राष्ट्रीय सम्मान (2008)
यह सम्मान आदिवासी एवं पारम्परिक क्रिएटिव कला, शिल्प, समाज सेवा, प्रशासन में अद्वितीय उपलब्धि एवं योगदान के लिए आदिवासी महिलाओं को दिया जाता है।
इस रानी दुर्गावती राष्ट्रीय सम्मान के अन्तर्गत रुपये 3 लाख की सम्मान निधि एवं प्रशस्ति पट्टिका प्रदान की जाती है। यह सम्मान किसी एक कृति,रचना या उपलब्धि के लिए न होकर सुदीर्घ साधना एवं उपलब्धि के लिए दिया जाता है। ये पुरस्कार पाने के लिए महिला को मध्य प्रदेश का मूलनिवासी होना अनिवार्य है | यह सम्मान प्रतिवर्ष अलंकरण समारोह में प्रदान किया जाता है |
सम्मानित :वर्ष 2008 – श्रीमती रोज केरकेट्ठा, झारखण्ड सम्मानित।
सम्मानित :वर्ष 2009 – श्रीमती भूरी बाई, झाबुआ एवं श्रीमती दुर्गा बाई व्याम, सुनपुरी, डिण्डौरी संयुक्त रूप से सम्मानित।
ठक्कर बापा राष्ट्रीय सम्मान (2008)
यह सम्मान गरीब,पीड़ित, पिछड़े आदिवासी समुदाय की ममतापूर्ण सेवा एवं सुदीर्घ साधाना के लिए व्यक्ति/संस्था को दिया जाता है। इस राष्ट्रीय सम्मान के अन्तर्गत रुपये 2 लाख की सम्मान निधि एवं प्रशस्ति पट्टिका प्रदान की जाती है। यह सम्मान किसी एक कृति या उपलब्धि के लिए न होकर सुदीर्घ साधना एवं उपलब्धि के लिए दिया जाता है।
सम्मानित :वर्ष 2008 – स्वामी विवेकानन्द मेडीकल मिशन, केरल सम्मानित।
सम्मानित :वर्ष 2009 – वनबंधु परिषद, कोलकाता
विष्णु कुमार समाज सेवा सम्मान
भारत के मध्य प्रदेश शासन ने समाज सेवा के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान, संवेदनशीलता, अनुकरणीय पहल के लिए विख्यात समाजसेवी एवं सेवा भारती के संस्थापक स्व. श्री विष्णु कुमार की स्मृति को संजोये रखने के लिए, विष्णु कुमार समाज सेवा सम्मान स्थापित की हैं।
विष्णु कुमार अनुसूचित जाति समाज सेवा सम्मान
मध्यप्रदेश के अनुसूचित जाति समुदाय के लोगों की निःस्वार्थ सेवा के लिए व्यक्ति या स्वयंसेवी संस्था को अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा यह राज्य स्तरीय सम्मान दिया जाता है | इस राज्य स्तरीय सम्मान के अंतर्गत रुपये 1 लाख की सम्मान निधि एवं प्रशस्ति पट्टिका प्रदान की जाती है ।
विष्णु कुमार अनुसूचित जाति समाज सेवा सम्मान किसी एक उपलब्धि के लिए न होकर अनुसूचित जाति के समग्र उत्थान के लिए उत्कृष्ट प्रदर्श और असाधारण उपलब्धि के लिये देय होता है । इस पुरष्कार को पाने के लिए व्यक्ति को मध्य प्रदेश का मूलनिवासी होना अनिवार्य है
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विष्णु कुमार जनजातीय समाज सेता सम्मान
मध्यप्रदेश के जनजातीय समुदाय के लोगों की निस्वार्थ सेवा के लिए व्यक्ति अथवा स्वयंसेवी संस्था को अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग द्वारा यह राज्य स्तरीय सम्मान दिया जाता है | इस राज्य स्तरीय सम्मान के अंतर्गत रुपये 1 लाख की सम्मान निधि एवं प्रशस्ति पट्टिका प्रदान की जाती है |
विष्णु कुमार जनजातीय समाज सेवा सम्मान किसी एक उपलब्धि के लिए न होकर अनुसूचित जनजातीय क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्श और असाधारण उपलब्धि के लिए देय होती है |
वीर शंकर शाह-रघुनाथ शाह राष्ट्रीय सम्मान (2008)
यह सम्मान भारतीय साहित्य में जनजातीय जीवन की सांस्कृतिक परंपरा और विशिष्टताओं पर लेखन के लिए तथा आदिवासी पारम्परिक कलाओं के क्षेत्र में उल्लेखनीय साधना, समाज सेवा के लिए आदिवासी पुरुष को दिया जाता है।
वीर शंकर शाह-रघुनाथ शाह राष्ट्रीय सम्मान के अंतर्गत रुपये 3 लाख की सम्मान निधि एवं प्रशस्ति पट्टिका प्रदान की जाती है। यह सम्मान किसी कृति, रचना या उपलब्धि के लिए नहीं बल्कि सुदीर्घ साधाना एवं उपलब्धि के लिए दिया जाता है। इस सम्मान को पाने के लिए पुरष को मध्य प्रदेश का रहिवासी होना अनिवार्य है |
सम्मानित : वर्ष 2008 – श्री किनफाम से नोंगकिनरिह, मेघालय सम्मानित।
सम्मानित : वर्ष 2009 – श्री जिव्या सोमा माषे, महाराष्ट्र एवं डॉ. महेन्द्र कुमारमिश्रा, भुवनेष्वर को संयुक्त रूप से।
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जननायक टंट्या भील राज्य स्तरीय सम्मान (2008)
इस पुरस्कार को शिक्षा और खेल गतिविधियों में उल्लेखनीय साधना तथा उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए आदिवासी युवा तथा युवतियों को दिया जाता है । इस सम्मान के अंतर्गत रुपये 3 लाख की सम्मान राशि एवं प्रशस्ति पट्टिका प्रदान की जाती है। यह सम्मान किसी एक उपलब्धि के लिए न होकर शिक्षा और/या खेल गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए, सुदीर्घ साधना एवं उपलब्धि के लिए दिया जाता है।
इस सम्मान को आदिम जाति कल्याण विभाग वन्या प्रकाशन के तत्वाधान में दिया जाता है | यदि किसी व्यक्ति को जनजाति कार्य विभाग द्वारा स्थापित कोई अन्य भी सम्मान मिलने पर सम्मान नहीं दिया जायेगा |
सम्मानित : वर्ष 2008- श्री राजाराम मौर्य, देवास सम्मानित ।
बादल भोई सम्मान
यह पुरस्कार समाजिक क्षेत्र में व्यक्ति के अदम्य साहस एवं वीरता के लिए आदिवासी पुरुष / महिला / बालक को प्रधान किया जाता है | इस सम्मान के अंतर्गत 3 लाख तक की इनामी राशि दी जाती है और साथ में प्रशस्ति – पाट्टिका दी जाती है | जोकि आदिम जाति कल्याण विभाग के अंतर्गत वन्या प्रकाशन के तत्वाधान में दिया जाता है |
जनगण श्याम सम्मान
यह सम्मान परंपरागत एवं सृजनात्मक जनजातीय कला एवं शिल्प के क्षेत्र में अद्वित्य उपलब्धि और योगदान के लिए आदिवासी पुरुष / महिला को प्रधान किया जाता है | इस सम्मान में 3 लाख तक की राशि दी जाती है और साथ में प्रशस्ति – पाट्टिका दी जाती है | जोकि आदिम जाति कल्याण विभाग के अंतर्गत वन्या प्रकाशन के तत्वाधान में दिया जाता है |
इन पुरष्कार के बारेमें अधिक जानने के लिए ऑफिसियल जनजातीय सम्मान pdf देखे